कटिस्नायुशूल दर्द का घरेलू इलाज-


अनियमित जीवनशैली के कारण कमर संबंधित नस में सूजन से होने वाला परिणाम को Sciatica (कटिस्नायुशूल) कहा जाता है। विशेष रूप से कमर से पैरों की नसों तक तीव्र असहनीय दर्द होता है। यह एक प्रकार का तंत्रिका शोथ है ये खुद एक बीमारी नहीं बल्कि यह बीमारियों के लक्षण हैं। जो लोग दिन भर कुर्सी या कंप्यूटर में बैठकर घंटों काम करते हैं। ऐसे लोगों को इस तरह का दर्द ज्यादा परेशान करता है।

कटिस्नायुशूल (Sciatica) का कारण-


मुख्य रूप से इस समस्या का कनेक्शन आयु के साथ जुड़ा हुआ है जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हमारे हड्डियों की सतह के बीच स्नेहन (चिकनाई) समाप्त होने लगती है। यह समस्या ज्यादातर उन लोगों में देखी जाती है जो लोग अधिक वजन उठाने के लिए काम करते हैं ऐसे लोगों में हड्डियों के बीच चिकनाई कम होने पर पैरों में झनझनाहट होती है तथा पैर की उंगलियां भी सुन्न हो जाती हैं। जब कटिस्नायुशूल (Sciatica) के प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं तब पीठ और पैर में दर्द होने लगता है।

अक्सर कटिस्नायुशूल (Sciatica) की समस्या 50 साल की उम्र के बाद देखी जाती है। चूँकि हर व्यक्ति के शरीर में कमर के नीचे संयुक्त जोड़ होता है। इनके बीच में एक चिकनी सतह है। जो हड्डियों को जोड़े रखता है अधिक उम्र होने पर इन हड्डियों और हड्डियों को जोड़ने वाली चिकनी सतह के कटाव होने के कारण व्यक्ति इस समस्या का शिकार हो जाता है। यह दर्द या ऐंठन तंत्रिका तंत्र के कारण भी होता है। यह दर्द कूल्हे के जोड़ से शुरू होता है और पैर की उंगलियों तक फैलता है। पुरानी बीमारी में, पैर में क्षीणता और संकुचन होता है। घुटने और टखने के पीछे दर्द अधिक होता है।

कटिस्नायुशूल व्यायाम-उपचार (Sciatica Treatment Exercises)-


कटिस्नायुशूल (Sciatica) के दर्द का इलाज करने का सबसे उपयुक्त तरीका व्यायाम करना है। खासतौर पर वो एक्सरसाइज करना आवश्यक है जिनमें शरीर को खींचना होता है। क्योंकि इस प्रक्रिया के माध्यम से आपको प्रभावित तंत्रिका जड़ों पर तनाव आ जाता है और आप राहत महसूस करते हैं। नियमित व्यायाम कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

कटिस्नायुशूल का घरेलू उपचार (Home Remedies for Sciatica-)-


आप भी घरेलू उपचार अपनाकर Sciatica Pain से बच सकते हैं। यदि हम इसके उपचार के बारे में बात करें तो लगभग 85-90 प्रतिशत लोग सही उपचार पद्धति से कटिस्नायुशूल से छुटकारा पा लेते हैं यह पूरी तरह से ठीक हो जाता है लेकिन इस प्रक्रिया में  4 से 6 सप्ताह लगते हैं। कटिस्नायुशूल संगठन (Sciatica Organization) के अनुसार- गर्म और ठंडे सेंक का उपयोग करके स्थायी रूप से कटिस्नायुशूल के दर्द से छुटकारा पाया सकता है।

ठंडा-गर्म पैक (Cold-Hot Pack)-


सूजन को कम करने और कटिस्नायुशूल की समस्या को दूर करने के लिए ठंडा-गर्म पैक (Cold-Hot Pack) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके लिए आप जमे हुए मटर (फ्रोजन मटर) के बैग को एक साफ तौलिये में लपेटें और इसे बीस मिनट के लिए प्रभावित जगह पर कई बार इस्तेमाल करें और फिर इसे वापस जमने के लिए रख दें। फिर दो और तीन दिनों के बाद आप ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने और सूजन को कम करने के लिए गर्म सेंक कर सकते हैं। आप इसके लिए हॉट पैच, हीटिंग पैड या हीटिंग लैंप का भी उपयोग कर सकते हैं।

माइक्रोसर्जरी से कटिस्नायुशूल उपचार (Sciatica Treatment from Microsurgery)-


यदि कटिस्नायुशूल में बहुत अधिक दर्द है तो स्टेरॉयड (Steroids) का उपयोग करना पड़ता है तथा कभी-कभी दवाओं के इंजेक्शन को कमर के अंदर तक पहुंचाना पड़ता है। ये फिजियोथेरेपी भी बहुत आराम प्रदान करता है।

इस तरह की सभी प्रक्रियाओं के बाद भी यदि दर्द की समस्या बनी रहती है तो व्यक्ति के पास एकमात्र विकल्प ऑपरेशन ही रह जाता है। दूरबीन या माइक्रोसर्जरी के साथ ऑपरेशन के बाद रोगी अगले दिन घर जा सकता है और अपनी नियमित दिनचर्या का कार्य भी कर सकते है। इसमें एक छोटे से चीरे के बाद एक दो दिन रुक कर रोगी अस्पताल से घर जा सकता है।

इस लेख में हमने आपको यह बताने की कोशिश की है कि कटिस्नायुशूल (Sciatica) क्या है और ऐसा क्यों होता है हमारे अगले लेख में हम आपको कटिस्नायुशूल के आयुर्वेदिक प्रयोग और बचाव के बारे में बताने की कोशिश करेंगे।

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