कटिस्नायुशूल के आयुर्वेदिक उपचार-


पिछले लेख में हमने आपको बताया कि Sciatica (कटिस्नायुशूल) क्या है और यह क्यों होता है। इस लेख में हम आपको कटिस्नायुशूल के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताने की कोशिश करेंगे। यह एक प्रकार का तंत्रिका शूल (Neuralgia) है जो अधिक चलने से खिंचाव के कारण भी होता है। इसके अलावा, कब्ज, ट्यूमर और रीढ़ आदि की विकृतियां भी इसका मुख्य कारण हैं। कभी-कभी इसका असहनीय दर्द इतना बढ़ जाता है कि रोगी दर्द से बैचेन हो जाता है। ये दर्द कूल्हों के जोड़ से शुरू होता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। फिर यह दर्द तंत्रिका वाहिनी से एक पैर के पंजे तक तेजी से फैलता है तथा घुटने और टखने के पीछे अधिक दर्द होता है।

Sciatica
Ayurvedic Treatment of Sciatica
Sciatica Treatment at Home

Sciatica Treatment at Home

कटिस्नायुशूल का आयुर्वेद उपचार (Ayurvedic Treatment of Sciatica)-


हरसिंगार का पौधा जिसे पारिजात भी कहा जाता है यह एक बहुत सुंदर पेड़ है जो बहुत सुगंधित फूल देता है। इसके फूल, पत्तियां और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसके आयुर्वेद में इसके पत्तों का सबसे अच्छा उपयोग Sciatica (कटिस्नायुशूल) के रोग को दूर करने में किया जाता है।

इसकी औषिधि बनाने के लिए हरसिंगार के पत्तों को साफ करके एक लीटर पानी में उबालें। जब पानी लगभग 700 मिलीमीटर रह जाता है तो इसे ठंडा करके और छानकर कम करें। फिर इसमें 1-2 ग्राम केसर मिलाएं। इस पानी को दो बड़ी बोतलों में भर कर रख लें और हर सुबह और शाम को एक कप की मात्रा में इस जल का सेवन करें। इस प्रकार की चार बोतलों का सेवन करने से Sciatica रोग जड़ से चला जाता है।

क्या आप जानते हैं कि अजवाइन में Natural Anti-Elementary गुण होते हैं? अजवाइन खाने का सबसे अच्छा और पौष्टिक तरीका अजवायन का जूस लेना है। लेकिन ध्यान रहे कि इसका ताजा रस 20 मिनट के भीतर सेवन किया जाना चाहिए।

अजवाइन का रस उत्तम नींद , गर्म और ठंडा सेक और नस के खिचांव (Stretch) का अच्छा उपचार है। इसके अलावा, यह Sciatica Pain (कटिस्नायुशूल दर्द), और सूजन (Swelling) को कम करने में मदद करता है। इसे बनाने के लिए कुछ अजवाइन को पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें। फिर इसे साफ़ कपड़े से छान कर रख लें और आधे कप की मात्रा में इस पानी का उपयोग करें।

कायफल भी Sciatica (कटिस्नायुशूल) दर्द के लिए सबसे अच्छी दवा है। कायफल आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बेचने वाले विक्रेता के यहाँ आसानी से प्राप्त हो जाती है। आपको इसका सेवन करने के लिए इसे बारीक पीसना चाहिए।

इसका प्रयोग करने के लिए आप इसे लोहे / पीतल या एल्यूमीनियम की कढाई में 500 ग्राम सरसों का तेल गर्म करें। जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें से 250 ग्राम कायफल का पाउडर मिलाएं। जब सभी पाउडर जल कर काला हो जाए तो इसे आप आग से उतार लें। फिर ठंडा होने पर इस तेल को कपड़े से छान लें। Sciatica (कटिस्नायुशूल) का दर्द होने पर इस तेल से हल्की और धीरे-धीरे मालिश करें। मालिश करते समय अपने हाथ का दबाव कम रखें। मालिश करने के बाद सिकाई अवश्य करें। सिकाई के बिना लाभ कम मिलता है।

मेथी (Fenugreek) अनेक प्रकार के गुणों की खान हैं। मेथी के बीज में फॉस्फेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। मेथी में प्रोटीन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। मेथी हमें बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करती है। मेथी के बीज गठिया और Sciatica (कटिस्नायुशूल) के दर्द को कम करने में भी बहुत सहायक हैं।

Sciatica की समस्या में आपको सुबह में बासी मुँह पानी के साथ एक चम्मच मेथी के बीज निगलना चाहिए। इसके अलावा एक ग्राम मेथी के बीज और एक ग्राम सोंठ पाउडर को मिलाकर दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लेने से भी लाभ होता है।

सहजन (Drum Stick) प्रकृति के द्वारा दिया गया एक बहुत ही खूबसूरत पेड़ है जो कई पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत उपयोगी और स्वास्थ्यवर्धक भी है। इसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफेरा है। सहजन के फलों, हरी पत्तियों और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी, और अन्य सप्लीमेंट्स अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

दवा बनाने के लिए-

सहजन की पत्तियां- 100 ग्राम
अशोक की छाल- 100 ग्राम
अजवाइन- 25 ग्राम

उपरोक्त दी गई सभी सामग्री को दो लीटर पानी में उबालें और जब पानी जल कर एक लीटर से बच जाए तो इसे छान कर रख लें। अब आप इस काढ़े को 50-50 ग्राम हर सुबह-शाम लें। इस काढ़े को 90 दिनों तक लेने से Sciatica (कटिस्नायुशूल) का दर्द दूर हो जाता है।

जायफल को Nutmeg के नाम से भी जाना जाता है। जायफल और तिल के तेल को एक साथ मिलाएं और ब्राउन होने तक भूनें। फिर पीस कर इसका पाउडर बना लें प्रयोग करने के लिए इसके कुछ पावडर को तिल के तेल में मिलाएं और उस जगह पर लगाएं जहां पर कटिस्नायुशूल का दर्द है।

Sciatica के उपचार में योगराज गुग्गुलु, वात गजकुश रस, दिव्य सनाध्वदि तिला जैसे आयुर्वेदिक औषधियाँ भी बहुत उपयोगी हैं।

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